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महाराष्ट्र की ग्राम पंचायत रोहिणी को पहला स्वर्ण पदक पुरस्कार

डिजिटल क्रांति को सुशासन का माध्यम बनाने की पहल धरातल पर यह कहां तक पहुंची है इसकी परख ग्राम पंचायत स्तर पर करने की शुरुआत अब कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग करेगा।महाराष्ट्र की ग्राम पंचायत रोहिणी को पहला स्वर्ण पदक पुरस्कार

पंचायतीराज मंत्रालय के साथ मिलकर वह इस योजना को सिरे चढ़ा रहा है। किन ग्राम पंचायतों ने नागरिकों से जुड़ी सेवाओं को ई-गवर्नेंस माडल अपनाकर गतिशील, पारदर्शी और प्रभावी बनाया इस कसौटी पर देशभर की पंचायतों को कसा गया तो महाराष्ट्र के धुले जिले की आदिवासी बहुल पेसा ग्राम पंचायत रोहिणी इस श्रेणी में पहला स्वर्ण पदक जीतने वाली पंचायत बनी है।

जबकि पश्चिम त्रिपुरा जिले की मजलिशपुर ग्राम पंचायत को रजत पदक तो गुजरात के सूरत की पलसाना और ओडिशा के क्योंझर जिले की सौकती ग्राम पंचायत को ज्यूरी अवार्ड मिले हैं।

ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुशासन की स्थिति पर सरकार की नजर

मोदी सरकार अपने 11 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रही है। इसी को देखते हुए एक जनवरी, 2025 को निर्णय किया गया कि इस वर्ष प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग पंचायतीराज मंत्रालय के सहयोग से यह भी आकलन करेगा कि सबसे जमीनी स्तर पर नागरिक सुविधाओं के लिए उत्तरदायी ग्राम पंचायतों में ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुशासन की क्या स्थिति है। इसके बाद देशभर की पंचायतों का सर्वेक्षण शुरू कर रिपोर्ट तैयार की गई जिसमें महाराष्ट्र की आदिवासी ग्राम पंचायत रोहिणी अपनी चमक-दमक के साथ उभरकर सामने आई है।

लोगों तक मोबाइल फोन से पहुंच रही योजनाओं की जानकारी

सरकार का दावा है कि इस गांव की साक्षरता 45 प्रतिशत है, जबकि डिजिटल साक्षरता 100 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यहां नागरिकों से जुड़ीं 1027 सेवाओं को आनलाइन कर दिया गया है और हर घर पंचायत के पोर्टल से जुड़ा है। सरकारी योजनाओं की जानकारी बल्क मैसेज के माध्यम से प्रत्येक मोबाइल धारक तक पहुंचती है। यह महाराष्ट्र की पहली कागज रहित ग्राम पंचायत है। इसी तरह त्रिपुरा की मजलिशपुर पंचायत में शत-प्रतिशत नागरिक सेवाएं आनलाइन हैं।

जन्म-मृत्यु से लेकर दस प्रकार के प्रमाण-पत्र आनलाइन जारी किए जाते हैं। सूरत की पहसाना पंचायत में सेवाएं तो आनलाइन हैं ही, डिजिटल गवर्नेंस का पहलू यह भी है कि पूरी पंचायत में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनकी निगरानी पंचायत कार्यालय और स्थानीय पुलिस थाने से होती है।

बच्चों के लिए स्कूल में कम्प्यूटर लैब, ई-क्लस की सुविधा है। ओडिशा की सौकती ग्राम पंचायत में हर नागरिक सेवा आनलाइन चौबीसों घंटे उपलब्ध है। इन पंचायतों को प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा ई-गवर्नेंस पर आयोजित होने वाले 28वें राष्ट्रीय सम्मेलन में इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से पुरस्कृत किया जाएगा।

Ravikant Singh
Author: Ravikant Singh

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